शाय्यामूत्र या बेडवेटिंग का मतलब है रात को सोते समय पेशाब कर देना। यह एक आम समस्या है, जो बच्चों और वयस्कों दोनों में हो सकती है। शाय्यामूत्र का आंकड़ा उम्र के साथ घटता है, लेकिन यह पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। भारत में, लगभग 15% बच्चे 5 साल की उम्र तक शाय्यामूत्र करते हैं, और 5% बच्चे 10 साल की उम्र तक इससे पीड़ित रहते हैं। वयस्कों में भी शाय्यामूत्र की समस्या हो सकती है, जो कि लगभग 1-2% लोगों को प्रभावित करती है। शाय्यामूत्र करने से न केवल बिस्तर और कपड़े गंदे होते हैं, बल्कि इससे व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से भी नुकसान होता है।
शाय्यामूत्र करने से त्वचा में खुजली, जलन, फुंसी या संक्रमण हो सकता है। इससे व्यक्ति को नींद नहीं आती है, जिससे उसकी ऊर्जा, ध्यान और स्मृति कमजोर होती है। इससे व्यक्ति को शर्म, दोष, डर और अवसाद का अनुभव होता है, जिससे उसका आत्मविश्वास और आत्मसम्मान कम होता है। इससे व्यक्ति को अपने परिवार, दोस्तों और समाज से दूरी महसूस होती है, जिससे उसका सामाजिक जीवन प्रभावित होता है। इस ब्लॉग में, हम bedwetting treatment in ayurveda in hindi जानेंगे, जो इस समस्या को जड़ से दूर करने में मदद करता है। हम शाय्यामूत्र के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय के बारे में भी बात करेंगे, जो इस समस्या को कम करने में सहायक हैं।
Causes कारण of bedwetting in hindi
आयुर्वेद के अनुसार शाय्यामूत्र (Bedwetting) समस्या के कुछ मुख्य कारण हैं:
वात दोष असंतुलन: वात दोष असंतुलन शाय्यामूत्र का मुख्य कारण होता है। वात दोष असंतुलन के कारण बच्चों और वयस्कों में शाय्यामूत्र होता है।
तनाव: तनाव भी शाय्यामूत्र का कारण हो सकता है। तनाव के कारण शरीर के अंगों में तनाव बढ़ जाता है जिससे शाय्यामूत्र होता है।
कब्ज: कब्ज भी शाय्यामूत्र का कारण हो सकता है। कब्ज के कारण शरीर में अधिक मात्रा में वात बन जाती है जो शाय्यामूत्र का कारण बनती है।
मूत्र दारा विभिन्न की समस्या: मूत्र दारा विभिन्न की समस्या भी शाय्यामूत्र का कारण हो सकती है। इसके कारण बच्चों और वयस्कों में शाय्यामूत्र होता है।
मेहंत्र की दुआर करना: मेहंत्र की दुआर करना भी शाय्यामूत्र का कारण हो सकता है। इसके कारण बच्चों और वयस्कों में शाय्यामूत्र होता है।
इन सभी कारणों के अलावा ब्लैडर की मांसपेशियों का असंतुलन, छोटी मूत्रशय, नींद के दौरान असामान्य रुकावट, प्रोस्टेट ग्रंथि का विस्तार और नींद के दौरान श्वासनली में असामान्य रुकावट भी शाय्यामूत्र के कारण हो सकते हैं।
Symptoms of bedwetting in hindi लक्षण:
शाय्यामूत्र (Bedwetting) के लक्षण और संकेत निम्नलिखित होते हैं:
रात में बिस्तर पर पेशाब कर देना: यह सबसे मुख्य लक्षण है, जिसमें व्यक्ति रात को सोते समय अपने बिस्तर पर पेशाब कर देता है।
शर्मिंदगी और अपराधभाव: शाय्यामूत्र से पीड़ित व्यक्ति अक्सर शर्मिंदा और अपराधभाव महसूस करता है, खासकर बच्चे।
त्वचा में खुजली या संक्रमण: बिस्तर गीला होने से त्वचा में खुजली या संक्रमण हो सकता है, जो इस समस्या के लक्षण होते हैं।
दिन में गीला होना: कुछ मामलों में, शाय्यामूत्र से पीड़ित व्यक्ति को दिन में भी अक्सर पेशाब करने की आवश्यकता होती है।
पेशाब का बार-बार अत्यधिक मात्रा में आना: शाय्यामूत्र से पीड़ित व्यक्ति को पेशाब का बार-बार अत्यधिक मात्रा में आना भी हो सकता है।
इन लक्षणों के अलावा, शाय्यामूत्र से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर नींद के दौरान असामान्य रुकावट का अनुभव भी हो सकता है। यह समस्या बच्चों में अधिक देखी जाती है, लेकिन कुछ मामलों में यह वयस्कों में भी देखी जा सकती है।
Bedwetting treatment in ayurveda आयुर्वेदिक इलाज :
शाय्यामूत्र (Bedwetting) के आयुर्वेदिक उपचार के लिए विभिन्न तरीके होते हैं। इन उपचारों का उद्देश्य वात दोष को संतुलित करना, ब्लैडर और नर्वस सिस्टम को मजबूत करना और प्राकृतिक जड़ी बूटियों और उपचारों का उपयोग करना होता है।
- विषतिंडुक वटी, शिलाजीतवादी वटी, चंद्रप्रभा वटी आदि जैसी दवाएं जो नर्वस सिस्टम और मूत्रमार्ग को मजबूत करने के लिए उपयोग की जाती हैं।
- नींबू के रस में शहद मिलाकर दिन में दो बार पिएं
- शतावरी, अश्वगंधा, ब्राह्मी, जीरा, अजवाइन, तुलसी, अमला, अर्जुन और अनार के रस का सेवन करें
- बच्चों के लिए शाय्यामूत्र के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करें जैसे विषतिंडुक वटी, चंद्रप्रभा वटी, शिलाजीतवादी वटी आदि
- बच्चों को रात को सोने से पहले दूध में सरसों का पाउडर मिलाकर दें
- बच्चों को रात को सोने से पहले नींबू के रस में शहद मिलाकर दें
इन उपचारों के अलावा, आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषज्ञ के सलाह और निरीक्षण के बिना कोई भी उपचार शुरू नहीं करना चाहिए। इसलिए, शाय्यामूत्र से पीड़ित व्यक्ति को अपने आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
Home Remedies घरेलू उपाय
शाय्यामूत्र (Bedwetting) के लिए कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं:
- रात में कम पानी पीना चाहिए और कॉफी और मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।
- योग और ध्यान करना बच्चों के लिए शाय्यामूत्र के लिए उपयुक्त होता है, क्योंकि इससे उनका तनाव कम होता है और नर्वस सिस्टम मजबूत होता है।
- तिल के तेल से पेट की मालिश करना भी शाय्यामूत्र के लिए उपयुक्त होता है, क्योंकि इससे ब्लैडर और नर्वस सिस्टम मजबूत होता है।
- बच्चों को रात को सोने से पहले दूध में सरसों का पाउडर मिलाकर देना चाहिए।
- बच्चों को रात को सोने से पहले नींबू के रस में शहद मिलाकर देना चाहिए।
- बच्चों को रात को सोने से पहले सरसों के तेल में नींबू का रस मिलाकर देना चाहिए।
- बच्चों को रात को सोने से पहले शहद के साथ एक चम्मच देना चाहिए।
- बच्चों को रात को सोने से पहले शहद दूध में मिलाकर देना चाहिए।
हमने bedwetting treatment in hindi जाना। ये होम रेमेडीज काफी उपयोगी होते हैं। इन्हें अपनाकर बच्चों को इस समस्या से निजात पाने में मदद मिल सकती है।
Conclusion निस्कर्ष:
शाय्यामूत्र (Bedwetting) के लिए आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू उपाय बहुत उपयोगी होते हैं। इस समस्या के कारण व लक्षणों को समझना बहुत जरूरी होता है। आयुर्वेद में इस समस्या के लिए वात विकार, तनाव, कब्ज, मूत्रमार्ग संक्रमण, मधुमेह आदि कारण बताए गए हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए आयुर्वेद में विशतिंडुक वटी, शिलाजीतवादी वटी, चंद्रप्रभा वटी आदि दवाइयां उपयोगी होती हैं। इसके अलावा घरेलू उपाय जैसे कम पानी पीना, चाय, कॉफी, मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचना, योग और ध्यान करना, तिल के तेल से पेट की मालिश करना आदि उपयोगी होते हैं।
इस समस्या के लिए एक बहुत ही असरदार आयुर्वेदिक सिरप Autopedia Ayurvedic Syrup for bedwetting भी है, जो की स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स और आयुर्वेदाचार्यों की टीम द्वारा तैयार की गई है। इस सिरप के इस्तेमाल द्वारा इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। लेकिन यदि शाय्यामूत्र की समस्या बनी रहती है तो चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी होता है।